सोशल मीडिया- महत्व और प्रभाव
आज के दौर मे फेसबुक, टविटर, लिंक्डइन आदि जैसे प्लेटफम शिक्षको, प्रोफेसरों और छात्रों द्वारा सबसे अधिक उपयोग किया जाता है। सोशल मीडिया छात्रों और शिक्षकों के बीच लोकप्रिय हो गया है। यह छात्रों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। क्योंकि यह छात्रों तक जानकारी साक्षा करना, उत्तर प्राप्त करना और शिक्षकों से जुड़ना आसान बनाता है। कई अध्यापक अपने व्याख्यान के लिए स्काइप, गूगल मीट और अन्य सथानों पर लाइव चैट करने के लिए इसका उपयोग करते हैं। लाकडाउन के समय सोशल मीडिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई हैं। जिसमे छात्रों और शिक्षकों के लिए घरो मे रह कर सीखना और साक्षा करना आसान हो गया था।
सोशल मीडिया के कुछ महत्व -
1. आज गुणवत्तापूर्ण सामग्री, उत्पाद और सेवाए आसानी से ऑनलाइन उपलब्ध है। आप अपने उत्पाद की आनलाइन मार्केटिंग कर सकते हैं और ब्रांड बना सकते है
२. सोशल मीडिया से समाचार और घटनाएं एक क्लिक में प्राप्त किया जा सकता है।
3. कई समाजिक फशो के लिए जागरूकता पैदा कर सकता है।
4. सोशल मीडिया परिवार और दोस्तो से जुड़ने में मदद करता है
5. आनलाइन रोजगार के बेहतरीन अवसर प्रदान करता है।
सोशल मीडिया का युवाओं पर प्रभाव
1. आज का युवा करेंट अफेयर्स और अखबार की खबरों के लिए सोशल मीडिया पर कभी निर्भर करता है। अधिकांश ब्रेकिंग न्यूज आज तेजी से ऑनलाइन फैलती है, यह जनता के बीच जागरूकता बढ़ाती है।
२. आज के किशोर और कामकाजी लोग सोशल मीडिया से सहमत हैं कि आनलाइन संचार सामाजिक लाभ के लिए रिश्तों को मजबूत करता है। बनाता
3. सोशल मीडिया का एक घातक प्रभाव लत है। लोगों को इसकी आदत हो जाती है और उनके पास जांबिय कार्यों के ढेर के बावजूद इसका उपयोग करना शुरू कर देते हैं।
इससे अनुचित नींद, मानसिक तनाव, समय बर्बाद करने और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं थीं हो सकती है। ये सभी युवाओं पर सोशल मीडिया के हानिकारक
मनोवैज्ञानिक प्रभाव है।
बच्चों पर सोशल मीडिया का पड़ने वाले प्रभाव संकारात्मक और नकात्मक भी है। नेटवर्किंग स्किल्स बढ़ाने के लिए बच्चे सोशलमीडिया से नई चीजें सीखते हैं।
जो बच्चे इसका प्रयोग आर एक दूसरे करते हैं उनके कम्युनिकेशन स्किलस अच्छे होते हैं और इससे बच्चों को मनोबल बढ़ता है।
बच्चों का मन बहुत नाजुक और चन्चल लेता है और सोशल मीडिया आसानी से उनकी सोच और व्यवहार को बदल सकता है। छोटी उम्र में बच्चे अच्छे बुरे मे फर्क नहीं कर पाते है और सोशल 9 मीडिया इतना बड़ा है कि बच्चा कहाँ, कब और कैसे क्या जानकारी ले लेते हैं, ऐसी स्थितियां बच्चों को अश्लील, हानिकारक, जिद्धी और हा ग्राफिक वेबसाइटों तक पहुचा सकती है जो उनकी सोचने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकती हैं।
सोशल मीडिया का प्रभाव महिलाओं पर-
1. सोशल मीडिया के अविष्कार और व्यापक रूप से अपनाने के बाद से, अध्ययनो मे इंस्टाग्राम और दविटर सहित इन साइटों पर लगातार बातचीत दिखाई है, जो लड़कियों को नकारात्मक शरीर की छवि और रूप से आत्महत्या भी हो जाती है। संभावित फेसबुक।
2. सोशल मीडिया का उपयोग हिलाओं मे तनाव का कारण बनता है इसके अलावा सोशल मीडिया सामाजिक तुलना को बढ़ावा देता है, जहां लोग अक्सर नकारात्मक परिणा के साथ प्लॅटफार्म पर दूसरों के साथ तुलना करते है। महिलाओं पर सोशल मीडिया के उपयोग और परिणामों ने विद्वानों को यह सुझाव दिया कि 1999 से 2014 तक 10 वर्ष से 14 वर्ष की आयु के बीच की लड़कियों में आत्महत्या की देर में बुद्धि सोशल मीडिया के अधिक उपयोग का परिणाम हो सकता है।
Gursimran Kaur
BA (hons) Journalism
Roll no. 22/968
AEC Hindi C